यकीनन, हर साल एक नई उमंग, नई आशा दे जाता है। इस साल से भी बहुत कुछ उम्मीदें हैं, कुछ नया पाने की, कुछ नया कर दिखाने की। जिंदगी ? वो है जिसमें हर दिन कुछ नया सिखते हैं, हर दिन को पुराने दिन से बेहतर बनाने के प्रयास में रहते हैं। हर दिन कुछ नया करते हैं। आज साल की आखिरी तारीख 31.12.2024 है। अब कुछ चंद घंटों में हम नए वर्ष की यानि 2025 का बाँह फैलाए स्वागत करेंगे। कुछ बार में जाकर पार्टियां करेंगे। तो कुछ 31, यानि आज की रात से ही मंदिरों में कतार लगा लेंगे। तो कुछ सिनेमा हाँल की टिकट के लिए भिड़े रहेंगे, थोड़ा हटकर देखे तो कुछ मानस, नव वर्ष की शुरूआत अन्य शहरों में इसलिए जाकर करेंगे कि वह हर दिन घुमते रहे, वो कहते हैं न कि नए वर्ष के पहले दिन जो करते हैं, पूरे साल वो होता है, चाहे या अनचाहे में, बताएं क्या ये सच है ?
लेकिन क्या, आपने या मैंने कभी सोचा है कि वो जो पूरे साल किसी अन्य शहर में जाकर मजदुरी करकर पैसे इकट्ठा करते हैं। परिवार को नए साल पर भेजने के लिए, उनके हैंगआउट का क्या होता है। वे किस माँल में जाते हैं, वे किस बार की टिकट करवाते हैं। नहीं-नहीं वे तो नए साल पर सरकार की ओर से फ्री में चलने वाली बस या ट्रेन के जनरल डिब्बे में आधे लटके बैठकर घर जाने की उम्मीद में रहते हैं। कि वह कब अपने महल जैसे झोपड़ी में पहुँचे और झट से अपने परिवार की नम आखों में खुशियाँ भर दे।
कहीं न कहीं हम कितने खुशनसीब हैं, कि हर नए दिन को देख पा रहे हैं। हर दिन कुछ नया करने की चाह होता है, हर दिन नए लोगों से मिलते हैं। हर सुबह कुछ नया सीखते हैं।
बदलाव प्रकृति का नियम है, जैसे साल दर साल बदलते जा रहे हैं, ठीक वैसे ही हमारे-आपके जीवन में भी हर सुबह नए-नए बदलाव आते हैं, इसीलिए जो व्यक्ति बदलाव को स्वीकार कर जीवन में आगे बढ़ते है उनके लिए हर दिन नए साल जैसा होता है।
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