आज काशी विश्वनाथ मंदिर का भव्य स्वरूप सबके सामने है |
गंगा किनारे बसी काशी नगरी को भगवान भोलेनाथ की नगरी और भोलेनाथ को काशी का महाराजा कहा जाता है |
° महादेव की त्रिशूल पर टिकी है काशी
पुराणों के अनुसार काशी भगवान शिव के त्रिशूल पर टिके होने की वजह से ही यह जमीन पर नहीं है, बल्कि इससे ऊपर है ।
° देवी पार्वती के साथ आए थे भोलेनाथ
हिंदू धर्म में काशी को देवभूमि माना गया है । दो नदियों वरुणा और अस्सी के मध्य होने से इसका नाम काशी पड़ा ।
° बाबा विश्वनाथ मंदिर संबंधी प्रमुख बातें
काशी विश्वनाथ मंदिर के ऊपर एक सोने का छात्र लगा हुआ है , ऐसी मान्यता है कि इस छत्र के दर्शन से लोगों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
बताया जाता है कि लोगों को जब पता चला कि औरंगजेब इस मंदिर को तोड़ना चाहता है तो भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग को एक कुएं में छिपा दिया गया | वह कुआं आज भी मंदिर और मस्जिद के बीच में स्थित है |
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